उनको हम दिल मे बसा लेगें, वो आए तो सही
सारी दुनिया से छुपा लेगें, वो आए तो सही
एक वादा करते हैं, उनसे ना बिछड़ेंगे कभी
जो कहे कसम खा लेगें, वो बताएँ तो सही
दुनिया तो क्या, मौत की आगोश से भी उठ कर आ जाएँगें
एक आवाज़ पर आँखों के सामने होगें, वो एक बार बुलाएँ तो सही
हँसना रोना तो हमने उन्ही से सीखा है
उन पर मर तो चुके हैं, जी भी लेगें, वो सिखाए तो सही
कल जब यूँ ही उनको देख रहे थे तो वो बुरा मान गए
उन्हे मनाने के लिए कुछ भी कर जाएगें, वो फरमाएँ तो सही
सबसे शरमाते हैं वो, कुछ कह नहीं पाते किसी के सामने
हम तो नज़रों के ईशारे समझ लेगें, लेकिन वो नज़रें मिलाएँ तो सही
निकलेगें हम भी बेवफा, इसी बात से डरते है वो शायद
वफा की हद क्या होती है बता देगें उन्हे, वो कभी आज़माएँ तो सही
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